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14 May 2023 · 1 min read

मित्रता

दिव्य अलौकिक दृश्य भाव दे, वही चित्र है।
प्रेम, प्रतिष्ठा, सरल भाव दे, वही मित्र है।

संबंधों के बंधन के बिन बंधा रहे।
बिना शर्त जो जीवन पथ पर सदा रहे।
हर पल जो जीने की चाव दे, वही मित्र है…..

जो अपने सानिध्य मात्र से, जीवन पीड़ा हर ले।
छुपकर जो मित्रों के दुख, धीरे से अपना कर ले।।
बिना बताए अंतर्मन का घाव देख ले, वही मित्र है…

जिसके बस आगमन मात्र से, उछल पड़े हम।
सबकुछ भूल, बस आलिंगन को मचल पड़े हम।
बरगद बन जो कड़ी धूप में, ठंड छाव दे, वही मित्र है…

Language: Hindi
1 Like · 190 Views
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