Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2021 · 1 min read

मित्रता

मित्रता का मोल भला,लगा सकेगा कौन।
मित्रता अनमोल सदा,जान लीजिए मौन।।

मित्रता संबंध सदा,सबसे ऊपर जान।
सुख दुख सदा साथ रहे,मित्र उसे ही मान।।

रहे भावना प्रेम की, सदा मित्र के साथ।
संकट में वो थाम ले,सदा प्रेम से हाथ।।

जग में है ऊपर सदा,मित्रों का व्यवहार।
नही कोई दुराव हो,जीत मिले या हार।।

गुरु सरीखे मित्र मिले, जीवन हो आसान।
वो दिखलाते राह हैं,मिले सदा सम्मान।।

Language: Hindi
302 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
gurudeenverma198
गजब है उनकी सादगी
गजब है उनकी सादगी
sushil sarna
जिन्दगी से शिकायत न रही
जिन्दगी से शिकायत न रही
Anamika Singh
प्यार जताना नहीं आता ...
प्यार जताना नहीं आता ...
MEENU
वक़्त का सबक़
वक़्त का सबक़
Shekhar Chandra Mitra
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
এটি একটি সত্য
এটি একটি সত্য
Otteri Selvakumar
23/123.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/123.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रेल यात्रा संस्मरण
रेल यात्रा संस्मरण
Prakash Chandra
सेवा
सेवा
ओंकार मिश्र
कोन ल देबो वोट
कोन ल देबो वोट
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है
गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
'अशांत' शेखर
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
Sakhawat Jisan
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
कवि दीपक बवेजा
जीवन के बुझे हुए चिराग़...!!!
जीवन के बुझे हुए चिराग़...!!!
Jyoti Khari
बेरुखी इख्तियार करते हो
बेरुखी इख्तियार करते हो
shabina. Naaz
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*जब तू रूठ जाता है*
*जब तू रूठ जाता है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुर्दे भी मोहित हुए
मुर्दे भी मोहित हुए
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
#परिहास
#परिहास
*Author प्रणय प्रभात*
विध्वंस का शैतान
विध्वंस का शैतान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
Surinder blackpen
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अहसास तेरे....
अहसास तेरे....
Santosh Soni
"आत्मकथा"
Rajesh vyas
हम लड़के हैं जनाब...
हम लड़के हैं जनाब...
पूर्वार्थ
*जन्मभूमि है रामलला की, त्रेता का नव काल है (मुक्तक)*
*जन्मभूमि है रामलला की, त्रेता का नव काल है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
अपने प्रयासों को
अपने प्रयासों को
Dr fauzia Naseem shad
शिवरात्रि
शिवरात्रि
ऋचा पाठक पंत
Loading...