मित्रता तुम्हारी हमें ,
मित्रता तुम्हारी हमें ,
इस कदर भा गई।
दुनिया तो छोड़ो ,
अपनो से भी तुम खास हो गए।
कहते थे हमें कोई,
दोस्ती ज्यादा न किया करो,
दोस्त बेगाने होते हैं।
तुमने साबित कर दिया ,
दोस्त अपनो से भी खास होते हैं।
……✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी