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5 Jul 2024 · 1 min read

“मित्रताक स्वागत”

“मित्रताक स्वागत”
सजऔने छी जे थारी में सतरंगी फुल सब देखू !
करब यशगान हम मिलकेँ हमर अछि भाग्य इ देखू!!
बनल छी मित्र आहाँ त करैत छी हम सदा स्वागत
करू अनुराग हमरा सँ नऽ कोनो मोल से लागत !!
@डॉ लक्ष्मण झा परिमल

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