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19 Jun 2024 · 1 min read

मिट जाए हर फ़र्क जब अज़ल और हयात में

मिट जाए हर फ़र्क जब अज़ल और हयात में

शायद जहाँ में इसे मोहब्बत की इंतहा कहते हैं

सुशील सरना

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