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8 Feb 2017 · 1 min read

***** मिट्टी के घरोंदे सा *****

मिट्टी के घरोंदे सा हमारा दिल है
जरा सी ठेस लगते ही टूट जाता है ।

मकां तो फिर भी बना लिए जाते हैं
टूटा हुआ दिल फिर बनाने से नहीं बनता है ।

इस दिल को सम्भालकर रखो
ये कहीँ फिसल ना जाये …

फर्स पक्का हो किसी के ह्रदय का तो टूटने का डर है …
.
दिल लगाओ उसी से
जिसके ह्रदय का आँगन
बालू रेत से बना हो ताकि
गिर कर भी सम्भलजाये ..

दिल फिसले तो भी
साबुत नजर आये …
कोई खरोंच उसपे ना आये …
दिल अपना अपना ही होकर रहें ….
..?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 503 Views
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