मिट्टी की खुशबू
वतन की खुशबू
मिट्टी में समाई
माथे लगा लूँ
सारी जिन्दगी की
ये है कमाई
मिट्टी के खिलोने
खेलते बीता बचपन
मिट्टी के घड़े सलोने
ठंडा पानी देते हरदम
मिट्टी में खेले
मिट्टी में बड़े हुऐ
अब निभाओ फर्ज
मिट्टी से न करों गद्दारी
मिट्टी में ही मिल जाना है
एक दिन
फिर किसका है अहं
चंद दिनों की है जिन्दगी
इन्सानियत ईमानदारी
मिल जुल कर जियो जिन्दगी