*माॅं की चाहत*
बिटिया घर की रौनक है
बिटिया की चहक चिड़िया सी है
माॅं के लिए बिटियां मनमोहक है।
बिटिया को माॅं ने दे संस्कार
दोनों जहाॅं से छुपाया है
बेटी की तकदीर को माॅं ने
कितना सजाया सॅंवारा है।
फिर भी हर पल माॅं ने
घबराहट में गुजारा है
माॅं बोले बेटी से
बेटी मुझसी ना तुम रह जाना
खड़े होकर अपने कदमों पर
अपनी मंजिल तक पहुॅंच जाना ।
माॅं के लाड प्यार में बिटिया
कहाॅं इन शब्दों को समझ पाई है
कितनी चिंता भरी मन में माॅं के
कहाॅं वह पढ़ पाई है
लेकिन बिटिया का भाग्य
कहाॅं कोई माॅं बदल पाई है।
एक बिटिया की चाहत
हर एक माॅं ने चाही है
जब वह बिटिया माॅं बनकर आई है
माॅं ने फिर वही बात
अपनी बिटिया से दोहराई है
बिटिया से माॅं बनने पर
हर माॅं ने अपनी बिटिया की
सुरक्षा चाही है।
हरमिंदर कौर, अमरोहा (उत्तर प्रदेश)