माहिर पत्थरबाज है (गीत)
माहिर पत्थरबाज है (गीत)
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सोचो कौन कहाँ से आया माहिर पत्थरबाज है
(1)
हिंसक कैसे भीड़ हो गई जले गली चौराहे
कालिख क्यों पुत गई शहर के मुख पर ही अनचाहे
झंडा तो दिख रहा तिरंगा घायल भारत आज है
(2)
किसने आग लगाई बस में बाइक फूँकी किसने
चलो करें पहचान जलाया शहर समूचा जिसने
ढके नकाबों से किसका बाहरवाला अंदाज है
(3)
सोचो .किसकी .आस्तीन ने साँप सँपोले पाले
सोचो कौन तमंचे की बाँहों में बाँहें डाले
सोचो किसकी हुआ वजह से घोर अराजक राज है
(4)
सोचो मुँह में राम,बगल में किसके छुरियाँ मिलतीं
सोचो देश जलाकर किसकी .मुख-मुद्राएँ खिलतीं
सोचो किसको देश तोड़ते आती तनिक न लाज है
सोचो कौन कहाँ से आया माहिर पत्थरबाज है
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 615 451