माहिया
माहिये(झड़प मियां-बीबी)
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1मियां
सुनती हो क्या प्यारी,
बात बताऊँ मैं,
आओ चले मनाली।
2बीबी
मैं बातें सुन हारी,
अब ना मैं सुनती,
सुनकर मन हो भारी।
3मियां
ज़रा समझो लाचारी,
खुले दिल से कहूँ,
पत्र भी होगा जारी।
4बीबी
कोई भरोसा नहीं,
चाहे लिख कर दो,
अब जाना कहीं नहीं।
5 मियां
लो हाथों मे टिकटें,
दो तेरी – मेरी,
संग संग हम निकले।
6 बीबी
मनसीरत क्या कहने,
वारी जाऊं मैं,
तुम हो मेरे गहने।
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सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)