मासूम
बहुत मासूम है ये दिल,बहुत नादान है ये,
प्यार और इश्क की बातों से अंजान है ये।
खबर है न पता कोई जमाने की उसूलों का,
जमाने भर की व्यंग्यों से सदा बदनाम है ये।।
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रचना- मौलिक एवं स्वरचित
निकेश कुमार ठाकुर
गृह जिला- सुपौल (बिहार)
संप्रति- कटिहार (बिहार)
सं०- 9534148597