मासूम का क्या कसूर
एक कूड़े के ढेर पर
एक कपडे में लिपटा
देखा एक नन्हा सा
जीव
क्या कसूर था उसका
क्या पैदा होना भ्रम था उसका
क्या इसी लिए आया था वो
या वो पाप था , किसी और का
जब पालना न था , तो फेंक दिया
जब डर इतना था, तो क्यों किया
एहसास नहीं था शायद उसको
इक माँ का दर्द शायद नहीं था उसको
दुनिया की लाज का डर उसे सताता है
पर ममता का पलना हर पल रोता है
खालीपन का साया हर दम सताता है
पर उस जीव की किस्मत एक धोखा है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ