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14 Jun 2023 · 1 min read

मालूम है मुझे तुम नहीं हो!

मालूम है मुझे तुम नहीं हो !

ना ख्याम्मी ख्यालों में ,
ना रुमानी रुमालो में ,

ना ज़ावेदी ज़हन में ,
ना इलमी चमन में ,

ना गुलजारिश गुजारिशो में ,
ना मलमली ख्वाईशो में ,

ना मजाजी मशवरो में ,
ना ख्वाबो के लशकरो में ,

ना इकबाली मजहबो में ,
ना पाक , कोरे ज़ज्बो में ,

ना मीरी नजरो में ,
ना बहकते बदरो में ,

ना गालीबी गालियारो में ,
ना शोख ऊजियारो में ,

ना फरहती फिजाओ में ,
ना बदतमीज़ हवाओ में ,

ना फैजी फिराक में ,
ना नाजुक शगाफ में ,

ना मजरुही ज़ख्मो में ,
ना दिल के नगमो में ,

ना साहिरि शराफतो में ,
ना चन्दनी खतो में ,

तुम नहीं हो , कहीं भी नहीं हो ,ये मालूम है मुझे !
लेकिन तुम क्यूँ नहीं हो ,
बस इतना बता दो मुझे ???????

सोनल निर्मल नमिता

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