माली अकेला क्या करे ?,
माली अकेला क्या करे ?,
जब फूल ही चमन से बगावत करने लगें ।
क्या ही करे वो ऐसी नामुराद हवा ,
गद्दारी की पूरी फिजा में बहने लगे ।
माली अकेला क्या करे ?,
जब फूल ही चमन से बगावत करने लगें ।
क्या ही करे वो ऐसी नामुराद हवा ,
गद्दारी की पूरी फिजा में बहने लगे ।