मारो राजस्थान
थाणे दिखायो देस मारो,
पहरायो थाणे परिवेश मारो…
सैर कराई जयपुर रा हवामहल री,
जिमायो खाणो चौकी ढाणी रो…
बीकानेर री सेव ख़िलाई,
पहनायो जोधपुर री बाँधनी…
जैसलमेर रो रेतीलो थार बतायो,
झीलों की नगरी उदयपुर घुमायो…
ख़्वाजा जी के दर पर चादर चढ़वायो,
डुबकी लगवाई पुष्कर रा घाट री…
बांगरू री छपाई बताई,
किशनगढ़ री कलाकारी सिखाई…
पनघट पर जाती पन्हारण सु मलवायो,
घर घऱ मंडता मांडना मंडवायो…
दाल बाटी चूरमा रो स्वाद चखायो,
अठा री मेहमाण नवाजी भी बतलायो…
हाथ जोड़ सू थाणे बुलावा,
राजस्थान रा जणा थाणे भगवान मान्या…
पायल पोखरना कोठारी