मायूस पल—–
यह पल भी मायूसी में ही गुजरा
बस सुखद कल के इंतजार मे।
गांव- चौबारे सब बीरान से पड़े हैं
घनी अंधेरी रातों के आगोश में।।
यह पल भी मायूसी में ही गुजरा
बस सुखद कल के इंतजार मे।
गांव- चौबारे सब बीरान से पड़े हैं
घनी अंधेरी रातों के आगोश में।।