माया
🦚
माया
०००००
माया का सागर हृदय, लेता रहा हिलोर ,
पीठ किये बैठा रहा, सदा सत्य की ओर ,
नहीं समर्पण कर सका, प्रभु चरणों में नेह ,
देह जाल में फँस गया, कोमल हृदय किशोर ।
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***
🪷🪷🪷
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माया
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माया का सागर हृदय, लेता रहा हिलोर ,
पीठ किये बैठा रहा, सदा सत्य की ओर ,
नहीं समर्पण कर सका, प्रभु चरणों में नेह ,
देह जाल में फँस गया, कोमल हृदय किशोर ।
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
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