मायने
?✒️जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हर रिश्ते में हर किसी को उतनी ही इज्जत -प्यार और जगह देनी चाहिए जितनी की वो तुम्हें देता है वरना हम खुद भी रोयेंगें और वो इंसान भी हमें खून के आंसू रुलाएगा …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जो भी व्यक्ति चौबीसों घंटे केवल अपने दुःख का ही रोना रहता है -बजाय ईश्वर के जो कुछ पास है उसके शुक्राने के तो ऐसे इंसान के दर पर आई खुशियां और सुख भी दरवाजे से ही वापिस लौट जाते हैं …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की धूप में -उजालों में दीपक या चिराग जलाने के कोई मायने नहीं होते ,जलना वहीँ चाहिए जहाँ इन उजालों की अहमियत हो और जहाँ कोई इनकी जरुरत महसूस करता हो …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की बाहर के आंसू -रोना तो सबको दीखता है पर अंदर की टीस -अंदर उठ रहा तूफ़ान -अंदर उमड़ रहे आंसुओं को देखने -महसूस करने के लिए जीवन में एक भी इंसान मिल जाये तो यकीन मानिये आपसे भाग्यशाली कोई नहीं …!
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?