मायने जिंदगी के
मायने जिंदगी के
तेरी आंखों से छलकते हुए पैमानों की कसम
जिंदगी वह नही जिसे पिए जा रहा था मैं
होठों से तेरे फूटते हुए तरन्नुम की कसम
जिंदगी वह नहीं जिसे गुनगुना रहा था मैं
तेरे गेसुओं में उलझे शरारती लटों की कसम
जिंदगी वह नहीं जिसके साए में जी रहा था मैं
तेरे रूखसार पर ठहरी हुई लाली की कसम
जिंदगी वह नही जिसे खूबसूरत मान रहा था मैं
तेरे माथे पे लगी खूबसूरत बिंदी की कसम
जिंदगी वह नही जिसकी दमक समझ रहा था मैं
मायने जिंदगी के आहिस्ता आहिस्ता सामने आए हैं
जिंदगी तुझसे है मेरी हमनवां समझ गया हूं मैं
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश