मायका
कैसे पल भर में सब बदल जाता है,
जो घर होता है, वो मायका बन जाता है,
जहाँ हमारा घर, हमारी दुनिया होता था,
अब वो, सिर्फ, माँ बाप का घर हो जाता है.
क्यों, बेटियां, घर से घर नहीं जातीं,
क्यों और कैसे,
किसी का घर, ससुराल बन जाता है?
मायके और ससुराल,
दो अलग दुनिया बन जाती है.
बेटियां, ससुराल में बस तो जाती हैं,
पर मायके को कभी भूल नहीं पाती हैं.
मायके में अजब सी, कशिश होती है,
दिल कितना भी ससुराल में लगे,
मन तो मगर, मायके में ही होता है.