मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विरोधी से समझदारी और जरूरत के अनुसार तत्क्षण फ़ैसले कर लें।
मामले अदालत में तब जाते है जब एक पक्ष सहमत न हो उसी पक्ष को अपने पक्ष में करने से न्याय का लक्ष्य हासिल हो जाता है।
RJ Anand Prajapati