माफ सिया कर दिए गुनहगार हूं
माफ सिया कर दिए गुनहगार हूं
पांव तेरे मैं पडूं खतावार हूं
ब्याह किया था मैंने धनवा तोड़कर
संग में आई तू सब कुछ छोड़कर
तुम हो असली फूल मैं बस खार हूं
छोड़ सबआराम आई बनवास तू
हर घड़ी हर दुख में रही पास तू
घर ते बेघर तु करी मैं खतावार हूं
मैं बना राजा बनी महारानी थी
क्या से क्या हम हो गए ना जानी थी
मैं यहां और तुम वहां लाचार हूं
रो रहा बलदेव हालते जार पर
किए अत्याचारी अबला नार पर
मैं ना किसी दीन का बेजार हूं