माफ करना मैडम हमें,
माफ करना मैडम हमें,
मैं हो चुका बेदम ।
आपके नखरे सहते-सहते ,
निकल गया है मेरा दम ।।
ये दर्द,अब हमसे
सहा नहीं जाता,
और बिन कहे,
चुप रहा भी नहीं जाता ।
क्या कमी थी हममें,
काश कोई आकर बतलाता ।।
साथ निभाने के लिए,
सब कोई हमसे,
केवल मतलब से,
रिश्ते निभाये हैं ।
मैं ही था अंजान जो,
सभी से दिल लगाये हैं ।।
था मुझे यकीन खुद पे,
इसलिये सोचता था,
वो मुझसे बड़े प्रेम करते हैं ।
कभी मालूम न पड़ा मुझे,
कि वो अपने फायदे के लिए,
हमें हमेशा आजमाते रहते हैं ।।