माफी मांगिए
माफी मांगिए (लघुकथा)
जयप्रकाश छुटभैया नेता था। लेकिन हल्के के विधायक व कबीना मंत्री तक सीधी पहुँच के कारण। अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ अक्सर दुर्व्यवहार करता था। इसलिए अपने जिलेभर में कुख्यात था।
किसी कार्यवश पड़ोसी जिले की अतिरिक्त उपायुक्त से जा भिड़ा। महिला अधिकारी ने उसे बेइज्जत करके भगा दिया। वह भी “मेरी पहुँच कहाँ तक इसका जल्द अंदाजा हो जाएगा” कह कर निकल लिया।
बाहर निकलकर अपने आका मंत्री से फोन मिलाकर सारा मामला कह सुनाया। मंत्री बोला सबसे पहले तो अतिरिक्त उपायुक्त से अपने द्वारा किए दुर्व्यवहार के माफी मांगिए। उसका शुक्रिया अदा कर कि उसने तुझे सिर्फ कार्यालय से भगाया। पुलिस में नहीं पकड़ाया।
छुटभैया ने पूछा, “यह अधिकारी कौन है? क्या माजरा है?”
विधायक व कबीना मंत्री बोला, “यह अधिकारी मुख्यमंत्री की भांजी है। जल्द जा कर माफी मांग।”
वह छुटभैया वापस जाकर महिला अधिकारी से माफी मांग कर। छोटा सा मुंह ले कर घर चला गया।
-विनोद सिल्ला