मान लो गीत जिन्दगी को
मान लो गीत जिंदगी को
और गुनगुनाना सीख लो ।
जगा लो मन में उमंगें
और मुस्कुराना सीख लो ।
उलझनें हिस्सा हैं जीवन का
सुलझ ही जाएंगी एक दिन ,
बस बार बार उनको हराकर
नैया पार लगाना सीख लो ।
राह कोई सरल मिले अगर
तो लुफ्त उठा लो जी भर ,
मिले जटिल गर कोई डगर
हो निडर गुजरना सीख लो ।
पाकर विजय कंटकों पर
ज्यों सदा मुस्काते हैं फूल,
मानव तुम भी उनके जैसा
मुश्किलों में खिलना सीख लो ।
डॉ रीता
आया नगर,नई दिल्ली -47