मान भी जाओ यार
अब तो मान भी जाओ यार
थम गई दुनिया की रफ्तार
तुम क्यों होते हो बेज़ार
अब तो घर में चैन से बैठो
संकट में भी यूं न ऐंठो
बाहर कोरोना घूम रहा है
कर बैठेगा घातक वार
अब तो मान भी जाओ यार ।
पुलिस प्रशासन सब समझाते
कवि लेखक सब राह दिखाते
डॉक्टर की भी यही सलाह
रहो कुशल सह परिवार
अब तो मान भी जाओ यार ।
अशोक सोनी