Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2024 · 1 min read

माना की आग नहीं थी,फेरे नहीं थे,

माना की आग नहीं थी,फेरे नहीं थे,
इसका मतलब ये नहीं की तेरे नहीं थे

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

168 Views

You may also like these posts

आंखों की नदी
आंखों की नदी
Madhu Shah
--शेखर सिंह
--शेखर सिंह
शेखर सिंह
- वो मेरा दिल ले गई -
- वो मेरा दिल ले गई -
bharat gehlot
modernnotioncom
modernnotioncom
modernnotioncom
A Departed Soul Can Never Come Again.
A Departed Soul Can Never Come Again.
Manisha Manjari
प्लास्टिक प्रदूषण घातक है
प्लास्टिक प्रदूषण घातक है
Buddha Prakash
*नसीहत*
*नसीहत*
Shashank Mishra
रंगमंचक कलाकार सब दिन बनल छी, मुदा कखनो दर्शक बनबाक चेष्टा क
रंगमंचक कलाकार सब दिन बनल छी, मुदा कखनो दर्शक बनबाक चेष्टा क
DrLakshman Jha Parimal
🙅सामयिक मुक्तक🙅
🙅सामयिक मुक्तक🙅
*प्रणय*
चला गया
चला गया
Rajender Kumar Miraaj
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जन्म :
जन्म :
sushil sarna
* कुछ पता चलता नहीं *
* कुछ पता चलता नहीं *
surenderpal vaidya
मोबाइल ने छीनी रूबरू मुलाकातें
मोबाइल ने छीनी रूबरू मुलाकातें
ओनिका सेतिया 'अनु '
एक नज़्म :- ईर्ष्या की आग
एक नज़्म :- ईर्ष्या की आग
मनोज कर्ण
"ये मत भूलो"
Dr. Kishan tandon kranti
वफा से होकर बेवफा
वफा से होकर बेवफा
gurudeenverma198
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
गीत- समय की धूप सर्दी-सी...
गीत- समय की धूप सर्दी-सी...
आर.एस. 'प्रीतम'
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ज़िंदगी से गिला
ज़िंदगी से गिला
Dr fauzia Naseem shad
कीमतें भी चुकाकर देख ली मैंने इज़हार-ए-इश्क़ में
कीमतें भी चुकाकर देख ली मैंने इज़हार-ए-इश्क़ में
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*देशभक्त श्री अश्विनी उपाध्याय एडवोकेट (कुंडलिया)*
*देशभक्त श्री अश्विनी उपाध्याय एडवोकेट (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कविता हंसना
कविता हंसना
Akib Javed
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
Lokesh Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
विषय _ पुरूषों की जिंदगी
विषय _ पुरूषों की जिंदगी
Rekha khichi
तमाशा लगता है
तमाशा लगता है
Vishnu Prasad 'panchotiya'
"मुश्किलों से मुकाबला कर रहा हूँ ll
पूर्वार्थ
‘ विरोधरस ‘---8. || आलम्बन के अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---8. || आलम्बन के अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...