माना कि हम सही तुम सही,
माना कि हम सही तुम सही,
पर सही का पैमाना क्या है।
अपनों से हार में ही जीत बसी है।
फिर अभिमान को बढ़ाना क्या है।
माना कि हम सही तुम सही,
पर सही का पैमाना क्या है।
अपनों से हार में ही जीत बसी है।
फिर अभिमान को बढ़ाना क्या है।