मानव
अगर हो हार जीवन में तो गम नही करना,
गिर जाओ गर थककर, फिर से मेहनत कम नही करना।।
असफलताएं आयेंगी तुम्हे आजमायेगि बहुत,
फिर उसी जोश से प्रतिकार उनका कम नही करना।
राह जटिल हो पथ पर बाधाएं अगणित हो,
कदम तुम्हारे अविराम चले,रुक कर तुम आराम नही करना।।
सतत निरंतन चलता चल?, मंजिल आयेगी और निकट,
पथ स्वयं प्रशस्थ हो जायेगा,अपनी साँसों के स्पंदन को कम न कर ।।
लिया जब जन्म मानव बन कर फिर इन्तजार किसका है,
आये तुफान या फिर प्रलय आ जाये
मन हार के आँखे तुम अपनी नम नही करना।