मानव जीवन
जाग उठ चल रे इंसान क्यों पड़ा है सोता
मुश्किल से मानव जीवन मिला क्यों इसे है खोता
क्यों इसे है खोता एक पल हरि नाम भज ले
क्रोध मान माया लोभ व्यभिचार को तज दे
कहे कवि मुस्काय गर हरि से प्रीत लगाएगा
परमात्मा से मिलने का द्वार स्वयं खुल जायेगा
वीर कुमार जैन
24 सितंबर 2021