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30 Sep 2023 · 1 min read

मानवीय संवेदना बनी रहे

वादा कर आराधना का
जग में आए सब प्राणी
भव सागर के जाल में
उलझ कर रहे मनमानी
हे प्रभु मुझको दीजिए
अपनी कृपा दिन, रात
हर पल सन्मति,सद्पंथ
की दीजै सुखद सौगात
मानवीय संवेदना बनी
रहे मानस में हर पल
आपके चरणों में लगा
रहे बुद्धि, विवेक, बल
लव स्टोरी इंपोसिबल
भले मानें सब मनुष्य
तव चरण कमल में ही
निहित है हमारा भविष्य
पग पग पे मिलते विविध
रूप धर कालनेमि अनेक
उनकी कुटिलता का आप
कर सकते समूल विच्छेद

Language: Hindi
186 Views

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