मानवता
अभी भी राजनीति से परे
एक शब्द है बचा
उसके रहते
संस्कृति , देश और मानव
हैं ज़िंदा
अगर ये शब्द
यहाँ से मिटा तो
युगों – युगों की
हमारी मेहनत पर
फिर जायेगा पानी
नष्ट हो जायेगी एकता
क्या आपको है पता ?
वो शब्द है ” मानवता ” ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 25/05/91 )