#कुंडलिया//मौलाना साद का ज्ञान
संकट को समझे नहीं , तुम मौलाना साद।
मरकज़ करवा के किया , कितनों को नाशाद।।
कितनों को नाशाद , मूर्खता की है भारी।
भुगत रहे अनजान , बाँट दी जो बीमारी।
सुन प्रीतम की बात , दिखे साज़िश की आहट।
नीयत में है खोट , तभी बाँटा ये संकट।
मानवता का शत्रु है , मुल्ला जी का ज्ञान।
तब्लीगी ये सीख के , समझें अपनी शान।।
समझें अपनी शान , जैसे हो ये प्रमाणित।
संकीर्ण तुच्छ सोच , यही होता है साबित।
सुन प्रीतम की बात , ज़हर घोला मन पलता।
मज़हब पर है बोझ , अरे ! समझो मानवता।
#आर.एस.प्रीतम