Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2016 · 2 min read

———मानवता का दीप ——–

———मानवता का दीप ——–

उगते सूरज का मैं मन से ,अति अभिनन्दन करता हूँ–

सप्त अश्व पर चढ़कर आता ,उसका वंदन करता हूँ–

पवन देव की मधुर सुगंध का ,ये मन अक्सर कायल है–

खग-मृग-जलचर की हत्या से , हुआ हृदय ये घायल है–

नदी-पर्वत-सागर सभी की,पूजा अपना धर्म रहा–

सूरज-चाँद-सितारे सारे ,सभी को अर्घ्य कर्म रहा–

निराकार के सँग में हमने ,नश्वर को भी पूजा है–

मात-पिता की गोदी जैसा, स्वर्ग न कोई दूजा है–

श्रद्धा की पूजा में अक्सर ,मातृ भाव माना हमने–

नदिया-गैया जन्म-धरा को ,माँ का रूप दिया हमने–

जन कल्याणी भावों को भी ,देव-तुल्य ही माना है–

दिनकर-सिन्धु-चन्द्र-तरुवर को ,देवों सा सम्माना है–

राम-कृष्ण की लीला के हम ,रहे सदा अनुरागी हैं–

देवों की संस्कृति में हम,पले-बढे बड़भागी हैं–

सद्भावों में , सदचारों में ,जीना हमने जाना है–

सर्व-धर्मी पावन गुच्छ को,अपना हमने माना है–

राजनीति के काले रस में ,डूबी भूले खूब हुई–

वोटों की दलदल के कारण ,छुआछूत भी खूब हुई–

गिरा दिया है मानवता को ,विष की गहरी खाई में–

उद्दण्डता तो रच रही है ,पर्वत तृण सी राई में–

कूप-कूप का जल दूषित है ,इस आतंकी परछाई में–

निर्दोषों का शीश कलम है ,हैवानों की चाही में–

रो रही है मानवता और बिलख रहे हैं धर्म यहां–

विश्व -बन्धुता पर आतंकी, करते रहे प्रहार यहां–

संविधान की धारा को भी ,परमारथ में बदल धरो–

आतंकी के मंसूबों को ,,सर्प की तरह कुचल धरो–

जातिवादी व्यवस्था के भी ,सब मिलकर के प्राण हरो–

जन-जन में भी भेद करे जो ,उस धारा का नाश करो–

मानवता का दीप जलाकर ,गीत सुनाने आया हूँ–

मैं हर धर्म-जाति के जन को ,गले लगाने आया हूँ–

हम सब मिलकर साथ चलें तो , परिवर्तन भी आएगा–

मिल-मिल कर सरिताओं का जल ,सागर सा लहरायेगा–

ईर्ष्या की गांठों को मिलकर ,जितना भी सुलझा लेंगे–

जीवन-रथ को उतना ही हम ,काल-पथ पर बढ़ा लेंगे–

शनै -शनै विद्वेषी मेघा ,ज्ञान गगन में खो जांगे —

झंकृत मंगल ध्वनियों को भी ,ऊर्जा रूप बना लेंगे–

धिक्कारो दानवता को सब ,मानवता का वरन करें–

उठती विष की ज्वालाओं का ,मिलकर हम सब दमन करें–

******* सुरेशपाल वर्मा जसाला

Language: Hindi
1 Comment · 769 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
Radha Bablu mishra
मानुष अपने कर्म से महान होता है न की कुल से
मानुष अपने कर्म से महान होता है न की कुल से
Pranav raj
खुशियों की आँसू वाली सौगात
खुशियों की आँसू वाली सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3345.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3345.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
क्यों हादसों  से खौफज़दा हो
क्यों हादसों से खौफज़दा हो
Chitra Bisht
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
Indu Singh
"किनारे से"
Dr. Kishan tandon kranti
गर्मी और नानी का आम का बाग़
गर्मी और नानी का आम का बाग़
अमित
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
Ankita Patel
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
पूर्वार्थ
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
गिफ्ट में क्या दू सोचा उनको,
गिफ्ट में क्या दू सोचा उनको,
Yogendra Chaturwedi
“भोर की पहली किरण , ह्रदय को आनन्दित करती है ,
“भोर की पहली किरण , ह्रदय को आनन्दित करती है ,
Neeraj kumar Soni
बहते हुए पानी की तरह, करते हैं मनमानी
बहते हुए पानी की तरह, करते हैं मनमानी
Dr.sima
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Aaj 16 August ko likhane ka Ehsas Hua bite 2021 22 23 mein j
Aaj 16 August ko likhane ka Ehsas Hua bite 2021 22 23 mein j
Rituraj shivem verma
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
Sanjay ' शून्य'
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
😊
😊
*प्रणय*
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
न मन को अब होगी
न मन को अब होगी
Dr fauzia Naseem shad
दाल गली खिचड़ी पकी,देख समय का  खेल।
दाल गली खिचड़ी पकी,देख समय का खेल।
Manoj Mahato
गम के आगे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के आगे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
"लफ्ज़...!!"
Ravi Betulwala
अरमान
अरमान
अखिलेश 'अखिल'
🌹जिन्दगी के पहलू 🌹
🌹जिन्दगी के पहलू 🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
Manisha Manjari
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
कवि रमेशराज
कविता
कविता
Bodhisatva kastooriya
Loading...