मानव!अब तो सुधरो
धरती माता
तप रही, सूरज
उगले आग!
मानव बने बैरी
पर्यावरण
के सुरक्षा प्रहरी
अब तो जाग!
धरती पे कोरोना
नभ में टिड्डी
जल में भी निसर्ग / (तूफान)
प्रकृति लेती
प्रतिशोध! सुधरो!
लिया मां से
आदर से लौटाओ
जल को तुम
कभी करो ना गंदा
है चेतावनी
ना डरो कोरोना से
प्रकृति माता
क्षमा! हवा हो शुद्ध
तन मन हो स्वस्थ!