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18 Mar 2022 · 1 min read

माथे पे मुहब्बत लिख दिया है

जर्रे जर्रे से उठ आएँगी अब तो सदाएँ
दरो दीवार पे हमने तेरा नाम लिख दिया है।

सर तमन्नाओं के क़लम करके कागज़ पे
मैंने हाले दिल अपना पैगाम लिख दिया है।

अब तो मुर्दे भी जी उठेंगे अपनी ताबूत से
मैंने क़ब्र पे उनके, मकाम लिख दिया है।

तूने मुझे जीने न दिया, मरने न दिया,
माथे पे मेरे,मुहब्बत का नाम लिख दिया है।

1 Like · 1 Comment · 404 Views
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