मात पिता
मात पिता का आदर करना
उनके आदर्शों पर चलना
उनकी सेवा करना दिल से
कभी फ़र्ज़ से नहीं मुकरना
उनके मन को चोट न पहुँचे
ध्यान हमेशा इसका रखना
जीवन भर जो बने सहारा
उनके साथ खड़े तुम रहना
जो घायल कर दें उनका दिल
ऐसे वचन न उनसे कहना
लेना आशीर्वाद सदा तुम
घर से जब भी कभी निकलना
होगी यही “अर्चना’ सच्ची
उनको मन मंदिर में रखना
डॉ अर्चना गुप्ता
22.06.2024