मातृ भूमि
मनहरण घनाक्षरी
शीर्षक- “मातृ भूमि”
मातृ भूमि जन्म भूमि ,शिशु की अनन्य भूमि,
राधा-कान्हा ब्रज भूमि ,भारत में आइये।
ऋषि मुनि तपोभूमि,गुरुकुल गर्व भूमि,
शस्त्र -शास्त्र ज्ञान भूमि,भारत में पाइये।
राम -सीता जन्म-भूमि, लंका देश रण भूमि,
तुलसी अमर भूमि, भारत में जाइये।
भाँति भाँति पकवान,ऋतुयें विभिन्न मान,
“प्रेम”आम ,सेव जान, भारत में खाइये।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, “प्रेम”
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।
9450022526