मातृ भाषा हिन्दी
मातृ भाषा हिन्दी
पशु पक्षी चिरई चिरगुन
निज भाषा को अपनाते हैं।
क्या हुआ रे मानव जो
खिचड़ी भाषा को पकाते हैं।।
निज भाषा पर है शर्म तुम्हें
खिचड़ी को अपनाते हैं।
हिन्दुस्तान की हिन्दी भाषा
मधुर मधुर मुस्काते हैं।।
इंग्लिश भाषा भाया तुम्हें
उच्चारण शुद्ध न बताते है।
आन लिखों आन उच्चारण
ड़ी लिखो डी भेद बताते हैं।।
हिन्दुस्तान की हिन्दी भाषा
ब्याकरण शुद्ध लिखाते हैं।
आधा हिंदी आधा इंग्लिश
खिचड़ी भाषा क्यों बनाते हैं।
खुद की मां का सम्मान नही
फुल मां को क्यों बुलाते हैं।
मां ही ममता देती है भरकर
लोरी गाकर हमें सुलाते है।।
हाथ जोड़ मै विनती करूं
न करें मां का अपमान।
शुद्ध हिन्दी उच्चारण करें
मां की बढ़ायें सम्मान।।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग