मातृ देवो भव
मातृ देवो भव
शैलपुत्री ,शैलतनया ,शैलजा महिमामयि।
दे हमें संकल्प दृढ़ता, आत्मबल साधनमयि।
ब्रह्मचारिणी ,तपश्चारिणी, अपर्णा वैराग्यमयि।
दे हमें संयम, नियम, तप ,साधना हे त्यागमयि।
चंद्रघंटा ,भालचंद्रा, मन हमारे शांति दे।
चक्र मणिपुर को सजग कर, कष्ट से तू मुक्ति दे ।
कूष्मांडा , ब्रह्मांड जनिता ,रोग शोक निवारणी।
भक्ति दे, बल ,आयु दे, हे मातु आरोग्यदायिनी।
जगत जननी स्कंदमाता,विशुद्धि चक्र विहारिणी।
मंत्र साधना सिद्धिदायिनी, सर्व सुख प्रदायिनी।
कात्यायनी, महादेवी, शोक संताप नाशिनी।
ओजदायिनी,तेजदायिनी ,महिषासुर विदारिणी।
कालरात्रि, खडगहस्ते, महाविध्वंस कारिणी।
शत्रुहंत्री ,कालरात्रि ,सर्व शत्रु विनाशिनी ।
इंदु पाराशर
महागौरी, वृषभवाहिनी, जगत सुख प्रदायिनी ।
सौम्य रूपा ,शक्ति रूपा ,धन धान्य समृद्धि दायिनी ।
सिद्धिदात्री महापात्री,सहस्त्राधार विहारिणी ।
पूर्ण सब की कामना कर ,जगत सिद्धि प्रदायिनी।