मातृभाषा
हमारी मातृभाषा है हिन्दी,
हमारी जन्म बोली है हिन्दी,
हिन्दी को बुलंदी तक पहुंचाना ही,
प्रथम कर्तव्य है हमारा।
विद्वानों की देन है हिन्दी,
भारत में ज्यादातर बोली जाती है हिन्दी,
हमारी पहचान है हिन्दी,
संस्कृत से ही बनाया गया है हिन्दी।
मातृभाषा का सम्मान चाहते हो तो,
गैर भाषाओं का भी सम्मान करो,
किसी की मातृभाषा का सम्मान करने से,
बढ़ती स्वयं की मातृभाषा का सम्मान है।
भारत को स्वतंत्रता दिलाने में,
गांधी जैसे विद्वानों ने भी,
जिस भाषा का सदुपयोग किया,
वह अनोखी भाषा है हिन्दी।
गर्व है हमें अपने देश पर,
जहां की मातृभाषा है हिन्दी,
हिन्दी को जो समझता सरल,
वह पछताता है जिंदगी भर,
हिंदी है एक कठिन समस्या,
इस को अर्जित करने वाला,
बनाता अपना उज्जवल भविष्य।
मातृभाषा का सम्मान चाहते हो तो,
गैर भाषाओं को सम्मान देना सीखो।।
नाम :- उत्सव कुमार आर्या
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार