मातृदिवस पर माँ की समर्पित
माँ के आँचल में अमृत की धारा
बिन माँ की सुना जग सारा
अकेली माँ बच्चे की रक्षा के लिए पड़ जाती है.. जग पर भारी !!
फिर बुढ़ापे में क्यों अकेली पड़ जाती है, माँ बन बेचारी !!
हर लड़की भी माँ को खुद माँ बनकर समझ पाती है।
कैसे उसने कष्ट सहे पालने के लिए तुझे….
जब पालने पड़ते हैं अपने बच्चे…
तक समझ में आती!!
सौ प्रॉब्लम वन सलूशन
वो है माँ ?
निस्वार्थ इस दुनिया में कोई नहीं माँ जैसा!!
झुकना पड़ता है हर रिश्ते को निभाने के लिए !!
इक माँ ही है, जो बच्चों को आगे बढ़ाती है।
बाकी दुनिया तो सिर्फ एहसान जताती है।
हर माँ को सलाम है।?♀️?♂️?♀️?♂️
माँ से ही तो चलते, भगवान के कितने नाम हैं।