Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2019 · 1 min read

मातृत्व

मातृत्व
“देखो मालती, मैं तुम्हारी गरीबों की मदद करने की प्रवृति का विरोधी नहीं हूँ। उन्हें खाने-पीने, पहनने-ओढ़ने की चीजें देने, आर्थिक रूप से मदद करने तक तो ठीक है, पर ये कामवाली बाई के बच्चे को अपना दूध पिलाना… छी… छी… तुम ऐसा कैसे कर सकती हो ?”
“क्यों… इसमें बुरा क्या है? कामवाली बाई की तबीयत ठीक नहीं है। उसे आज बिलकुल दूध नहीं आ रहा है। उसकी चार महीने की बच्ची भूख से बालक रही थी, मैंने अपना दूध पिला दिया, तो कौन-सा पहाड़ टूट पड़ा। देखो, बच्ची कैसे चैन से सो रही है ।”
“पर… ”
“क्या पर, यदि हमारी बेटी के साथ भी ऐसा होता, तो क्या आप कामवाली को दूध पिलाने से मना कर देते। कुछ ही महीने पहले आपने मुझे फेसबुक पर आया एक फोटो दिखाया था, जिसमें नन्हे-से बंदर को एक कुतिया अपना दूध पिला रही थी, तब तो आप माँ की ममता और मातृत्व पर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे और आज छी… छी… कर रहे हो। मत भूलो कि मैं आपकी पत्नी होने के साथ-साथ एक माँ भी हूँ।
वह अपनी पत्नी से नजर मिला कर बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
डा. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

2 Likes · 676 Views

You may also like these posts

एक नया उद्घोष
एक नया उद्घोष
इंजी. संजय श्रीवास्तव
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
मा ममता का सागर
मा ममता का सागर
भरत कुमार सोलंकी
3032.*पूर्णिका*
3032.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Karma
Karma
R. H. SRIDEVI
शुक्र मनाओ आप
शुक्र मनाओ आप
शेखर सिंह
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चाल समय के अश्व की,
चाल समय के अश्व की,
sushil sarna
प्रेम
प्रेम
Arun Prasad
भावी युद्ध ...
भावी युद्ध ...
SURYA PRAKASH SHARMA
कोरोना आपदा
कोरोना आपदा
Khajan Singh Nain
हम राज़ अपने हर किसी को  खोलते नहीं
हम राज़ अपने हर किसी को खोलते नहीं
Dr Archana Gupta
कार्तिक पूर्णिमा  की शाम भगवान शिव की पावन नगरी काशी  की दिव
कार्तिक पूर्णिमा की शाम भगवान शिव की पावन नगरी काशी की दिव
Shashi kala vyas
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
किसी दर्दमंद के घाव पर
किसी दर्दमंद के घाव पर
Satish Srijan
ग़ज़ल __
ग़ज़ल __ "है हकीकत देखने में , वो बहुत नादान है,"
Neelofar Khan
* चलते रहो *
* चलते रहो *
surenderpal vaidya
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
Phool gufran
वफ़ा का इनाम तेरे प्यार की तोहफ़े में है,
वफ़ा का इनाम तेरे प्यार की तोहफ़े में है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भगवान राम रक्षा स्तोत्रम
भगवान राम रक्षा स्तोत्रम
Rambali Mishra
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
पूर्वार्थ
अलर्ट
अलर्ट
Dr. Kishan tandon kranti
परिश्रम
परिश्रम
Neeraj Agarwal
#हरिहर मेरे राम जी
#हरिहर मेरे राम जी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
ओ! चॅंद्रयान
ओ! चॅंद्रयान
kavita verma
अज़ीज़-ए-दिल को भी खोना नसीब है मेरा
अज़ीज़-ए-दिल को भी खोना नसीब है मेरा
आकाश महेशपुरी
യാത്രാമൊഴി.
യാത്രാമൊഴി.
Heera S
प्रिय, बीत गये मधुमास....
प्रिय, बीत गये मधुमास....
TAMANNA BILASPURI
कसक
कसक
Sudhir srivastava
कहां से कहां आ गए हम..!
कहां से कहां आ गए हम..!
Srishty Bansal
Loading...