माती का पुतला
मतकर इंसा गुमान इतना तू है माती का एक पुतला.
क्या है तेरी हस्ती तू तो पानी का एक बुलबुला // घृ //
. पल दो पल की जिंदगी मे
. क्या क्या खेल तू करता है.
. खुदको अमर समझ कर
. औरो को दुख तू देता है.
. मत भुल इंसा एक दिन तेरा पडेगा उसी दुःख से पाला.
तू तो है पानी का एक बुलबुला.
मतकर इंसा गुमान इतना तू है माती का एक पुतला.
क्या है तेरी हस्ती तू तो पानी का एक बुलबुला // 1 //
. पल का नही भरोसा तेरा
. युग युग की बात तू करता है.
. सर पे खडी है मौत तेरी
. यमराज का तुज पर साया है.
मत भूल इन्सा एक दिन तु भी बनेगा उसकी मौत का निवाला.
तू तो है पानी का एक बुलबुला.
मतकर इन्सा गुमान इतना तू है माती का एक पुतला.
क्या है तेरी हस्ती तू तो पानी का एक बुलबुला // 2 //
धर्म धर्म के नाम पे तुने
. किया है रब का बटवारा .
. कही बनाये मंदिर मस्जिद
. कही गिरजा गुरुद्वारा
मत भूल इन्सा एक दिन तेरा उसी रब से पडेगा पाला.
. तू तो है पानी का एक बुलबुला.
मतकर इंसा गुमान इतना तू है माती का एक पुतला.
क्या है तेरी हस्ती तू पाणी का एक बुलबुला.// 3 //