अनोखे संसार की रचना का ताना बाना बुनने की परिक्रिया होने लगी
बुझी-बुझी सी उम्मीद बरकरार भी है
- तेरे झुमके की आवाज सुनकर -
आपके अलावा यहां आपका कोई नहीं है बस आप भ्रम में जी रहे हैं,
जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है।
ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
If FEAR TO EXAMS is a Disease
हम सहिष्णुता के आराधक (गीत)
हर बात छुपाने की दिल से ही मिटा देंगे ....
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
एक सिपाही
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"