माता रानी का लगा, है सुंदर दरबार।
माता रानी का लगा, है सुंदर दरबार।
बच्चे बूढ़े आ रहे, लेने माँ का प्यार।।
लेने माँ का प्यार, यहां सेवक बन प्यारा।
पहुंचे माँ के द्वार, माता को जो पुकारा।।
हरित परिवेश और, उत्साह से है नाता।
आई है नवरात्रि, संकट हरो हे माता।।
©अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा”