माता-पिता
आज के दोहे
मातु पिता की जो सदा, माने सारी बात।
उसको ही मिलती यहाँ,खुशियों की सौगात।।१३२।।
मातु पिता का तुम कभी,मत करना अपमान।
उनसे ही तो तुम बने, इतना रखना ध्यान।।१३३।।
कभी आप मत छोड़िए,मातु-पिता का हाथ।
कुछ भी हो जाए मगर, रहिए उनके साथ।।१३४।।
बचपन में हम पूछते,एक बात सौ बार।
गर पूछें माँ-बाप तो,क्यों करते इनकार।।१३५।।