माता – पिता
मात पिता के त्याग को, जाओ कभी न भूल।
सुत को देते फूल हैं, खुद चुन लेते शूल।।
मात पिता को मानता, बूढ़ेपन में भार ।
ऐसे सुत के जन्म को , समझो तुम बेकार।।
सेवा कर पितु मातु की, कमा लीजिए धर्म।
जन्म सफल फिर मानिए, सुधरेंगे सब कर्म।।
मात पिता की छाँव में, उन्नति मिले अपार।
खुशियों की महफ़िल सजे, सपने सब साकार।।
मात पिता का कीजिए, हर पल तुम सम्मान।
यह जीवन उनका दिया, वही हमारे जहान।।