माता पिता का कर्ज ।
माता पिता के कर्ज से मुक्त नहीं ह़ो पायेगा।चाहे कितना भी यत्न करले सुख नही पायेगा।माता पिता गर खुश नहीं है तो आगे नहीं बढ़ पायेगा।माता पिता के चरणों में ही शान्ति पायेगा।जब पुत्र बन कर अपना धर्म निभायेगा।जब तक माता पिता की शरण में नही जायेगा ।तब तक तेरा बेड़ा पार नही हो पायेगा।तू केवल प्यार पत्नी से ही करता है।कयोंकि प्यार को सबंध मानता है।प्यार का कैसे इजहार किया जाता है। तुझे मालूम नहीं प्यार कैसे किया जाता है।।