माता तेरी लाडली
माता तेरी लाडली,वो कर देगी काम।
सूर्य-चन्द्र-सा एकदिन,चमके जिससे नाम।।
पढ़-लिख अफ़सर रूप में,आऊँगी जब पास।
वो दिन जीवन का हसीं,होगा ज्यों मधुमास।
छाती चौड़ी नाज़ से,करना फिर दिल थाम।
सूर्य-चन्द्र-सा एकदिन,चमके जिससे नाम।।
क़ीमत माँ के दूध की,कैसे जाऊँ भूल।
मुझको देकर फूल सब,खुद ने पाए शूल।
कुल-मर्यादा याद कर,चुका सकूँ मैं दाम।
सूर्य-चन्द्र-सा एकदिन,चमके जिससे नाम।।
बेटा-बेटी एक हैं,समझी तुमने बात।
अपनी ममता खोल के,हमको दी दिन-रात।
ऐसी माँ के प्यार को,करती रहूँ सलाम।
सूर्य-चन्द्र-सा एकदिन,चमके जिससे नाम।।
सफल वही माँ-बाप हैं,सफल हुई औलाद।
चर्चा फलते पेड़ की,मीठे फल की दाद।
प्रीतम बेटी लाज़ है,लक्ष्मी का पैग़ाम।
सूर्य-चन्द्र-सा एकदिन,चमके जिससे नाम।।
माता तेरी लाडली,वो कर देगी काम।
सूर्य-चन्द्र-सा एकदिन,चमके जिससे नाम।।
राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
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